आप सभी लोगों को क्रिसमस के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनायें !!
Friday, December 24, 2010
Tuesday, November 30, 2010
यादें... यादें... बस यादें रह जाती हैं
कॉलेज के दिनों में मैं एन. सी.सी. में भी सक्रिय रहा। इन दिनों में मैं कई राज्यों में कैम्प भी गया, खूब घूमा और ज्ञान भी बढाया। इन्हीं दिनों में मुझे तत्कालीन राष्ट्रपति तथा आदर्श व्यक्तित्व के धनी श्री ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी से भी मिलने का अवसर प्राप्त हुआ। सौभाग्य से राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ही मैं कलाम जी से तीन बार मिला और सबसे खास पल तो वो था मेरे लिए जब मैंने ईद के दिन खास तौर से मुबारकबाद दी। इन्हीं दिनों में मैं तत्कालीन रक्षा मंत्री श्री ए.के.एंटनी जी और तत्कालीन महानिदेशक एन.सी.सी. से भी मिला। इन यादों को मैं कुछ चित्रों के माध्यम से आपके साथ साझा कर रहा हूँ:-
2005 में महामहिम राष्ट्रपति महोदय के साथ। |
2006 में माननीय रक्षा मंत्री जी दल का निरीक्षण करते हुए। |
Thursday, November 4, 2010
शुभ दीपावली
आप सभी लोगों को मेरा नमस्कार, लगभग एक महीने बाद मैं आप सब के सामने उपस्थित हो सका। अक्टूबर महीने में टाईफाइड से ग्रसित हो जाने के कारण आप सब से दूर हो गया था। अभी कुछ सुधार हुआ तो आप सब के पास आ गया। आप सभी के लिए दिवाली खुशियों से भरी हो और मंगलमय हो।
Tuesday, September 21, 2010
जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम के चित्र तथा कुछ अन्य चित्र
कॉमनवेल्थ गेम्स के शुभारंभ और समापन स्थल के लिए चयनित जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम के चित्र तथा कुछ अन्य चित्र मैं आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसको मैंने कुछ दिन पहले ही खीचा है:-
जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम 1 |
जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम 2 |
जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम 3 |
जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम 4 |
लाल बहादुर शास्त्री मार्ग, दिल्ली |
Monday, August 30, 2010
जन्मदिन
आज मैं अपना जन्मदिन मनाने वाला हूँ, आज की सुबह हर दिन की तरह ही है पर आज की सुबह को मैं एक नए अंदाज में एहसास कर रहा हूँ। आज पूरा दिन मैं घर से लेकर ऑफिस तक बहुत व्यस्त रहने वाला हूँ। अपने आराध्य से सबके लिए मंगल कामना करूँगा, बड़ों से आशीर्वाद लूँगा, दोस्तों और शुभचिंतकों को पार्टी दूंगा। आप सभी लोग सादर आमंत्रित हैं। पूरा दिन बहुत खुशनुमा माहौल रहेगा। ये तो रही मेरे जन्मदिन की बातें। आईये जन्मदिन से जुड़ी कुछ अन्य बातें करते हैं :
जन्मदिन को लेकर मेरे मन में बहुत सारे ख्याल आते हैं मसलन जन्मदिन के दिन लोग कितना खुश होते हैं, लोग जन्मदिन मनाने के चक्कर में ये भूल जाते हैं की वे जन्मदिन के दिन बड़े नहीं होते बल्कि बूढ़े होते हैं। क्योंकि उनके जीवन की कुल आयु से इतने दिन कम हो गए। कितना अजीब है ना लोग कितने अच्छी तरह से इस सच्चाई से दूर भागते हैं। मेरे कहने का मतलब ये नहीं है की जन्मदिन मनाओ ही मत, जन्मदिन जरुर मनाओ, नए सपने जगाओ, सपने को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम करो पर इस सच्चाई को भी याद रखो और अपने उस आराध्य का शुक्रिया अदा करो जिसने तुम्हें इतना सुन्दर मानव जीवन दिया।
मैं ज्यादा बातें नहीं करूँगा क्योंकि आज थोड़ा व्यस्त हूँ, अब मैं जाता हूँ थोड़ा अपने कार्यक्रम को भी आगे की दिशा दूँ। तब तक आप लोग मेरे उज्जवल भविष्य के लिए अपने आराध्य से छोटी सी प्रार्थना कर दीजिये।
आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद सहित।
-सत्य प्रकाश पाण्डेय
Friday, April 9, 2010
दिल्ली सरकार का तोहफा
आज मैं ड्राइव करते समय सोच रहा था की दिल्ली का ट्रैफिक कैसे कम किया जाये, इस समस्या से निपटने का कोई तो तरीका होगा, तभी अचानक याद आया की शायद किसी देश में ऐसा नियम है की वहाँ कोई भी कार खाली नहीं चल सकती, कार में जितनी सीट है उतने लोग का बैठना अनिवार्य है और ऐसा न करने पर जुर्माना भी है। यही नियम मुझे दिल्ली के लिए भी ठीक लगा ।
ऑफिस पँहुचने के बाद न्यूज़ से पता चला की दिल्ली की सरकार भी ट्रैफिक कम करने के उपाय ढूंढ़ रही है और सरकार इस नतीजे पर पहुँची है की दिल्ली में 'एक फैमिली एक कार' का नियम अपनाया जाये और साथ ही यह भी फॉर्म्युला लागू करने पर विचार हो रहा है कि अगर किसी के पास एक सौ वर्ग मीटर का मकान है तो उसे एक कार और दो सौ वर्ग मीटर का मकान है तो उसे दो कारें रखने की इजाजत दी जाए।
दिल्ली सरकार का ये विचार किसी भी तरह से उचित नहीं लग रहा , सरकार के इस फैसले से ट्रैफिक जाम तो कम नहीं होगा पर समाज के दो वर्गों की दूरियाँ जरुर बढ़ जाएगी, जिनके पास सौ वर्ग मीटर से कम का मकान होगा वो तो कार चला ही नहीं पायेगा , समाज का जो अमीर वर्ग होगा उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, जो भी असर होगा वो सिर्फ मध्यम वर्ग पर होगा और वैसे भी सरकार के सभी फैसलों का असर तो सिर्फ मध्यम वर्ग पर ही होता है, चाहे वो पेट्रोल और डीजल का रेट हो या फिर रसोई गैस हो ।
सरकार अगर ये नियम बनाये की कोई भी कार खाली नहीं चल सकती और कार का हर सीट फुल होना अनिवार्य है और ये नियम सिर्फ पीक टाइम में ही लागु हो तो भी इससे कई फायदे होंगे । सबसे पहले तो दिल्ली की सड़कों पर जो लम्बी-लम्बी कारें खाली चलती हैं और ढेर सारी सड़कों की जगह कवर करती हैं और वो भी सिर्फ एक इन्सान के लिए, उनसे छुटकारा मिलेगा । बहुत हद तक दिल्ली के ट्रैफिक जाम से भी निजात मिलेगा, समाज के दो वगों की दूरियां भी कम होंगी, और साथ ही साथ जिनका सौ वर्ग मीटर से कम का मकान होगा वो भी कार चलाने का आनंद उठा सकेगा।
Friday, January 29, 2010
नेशनल कैडेट कोर (NCC)
28 जनवरी, 2010 को प्रधानमंत्री की रैली में नेशनल कैडेट कोर (NCC)
के कैडेटों को संबोधित करने से पहले गार्ड आफ आनर
का निरीक्षण करते प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह।
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