आज मैं ड्राइव करते समय सोच रहा था की दिल्ली का ट्रैफिक कैसे कम किया जाये, इस समस्या से निपटने का कोई तो तरीका होगा, तभी अचानक याद आया की शायद किसी देश में ऐसा नियम है की वहाँ कोई भी कार खाली नहीं चल सकती, कार में जितनी सीट है उतने लोग का बैठना अनिवार्य है और ऐसा न करने पर जुर्माना भी है। यही नियम मुझे दिल्ली के लिए भी ठीक लगा ।
ऑफिस पँहुचने के बाद न्यूज़ से पता चला की दिल्ली की सरकार भी ट्रैफिक कम करने के उपाय ढूंढ़ रही है और सरकार इस नतीजे पर पहुँची है की दिल्ली में 'एक फैमिली एक कार' का नियम अपनाया जाये और साथ ही यह भी फॉर्म्युला लागू करने पर विचार हो रहा है कि अगर किसी के पास एक सौ वर्ग मीटर का मकान है तो उसे एक कार और दो सौ वर्ग मीटर का मकान है तो उसे दो कारें रखने की इजाजत दी जाए।
दिल्ली सरकार का ये विचार किसी भी तरह से उचित नहीं लग रहा , सरकार के इस फैसले से ट्रैफिक जाम तो कम नहीं होगा पर समाज के दो वर्गों की दूरियाँ जरुर बढ़ जाएगी, जिनके पास सौ वर्ग मीटर से कम का मकान होगा वो तो कार चला ही नहीं पायेगा , समाज का जो अमीर वर्ग होगा उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, जो भी असर होगा वो सिर्फ मध्यम वर्ग पर होगा और वैसे भी सरकार के सभी फैसलों का असर तो सिर्फ मध्यम वर्ग पर ही होता है, चाहे वो पेट्रोल और डीजल का रेट हो या फिर रसोई गैस हो ।
सरकार अगर ये नियम बनाये की कोई भी कार खाली नहीं चल सकती और कार का हर सीट फुल होना अनिवार्य है और ये नियम सिर्फ पीक टाइम में ही लागु हो तो भी इससे कई फायदे होंगे । सबसे पहले तो दिल्ली की सड़कों पर जो लम्बी-लम्बी कारें खाली चलती हैं और ढेर सारी सड़कों की जगह कवर करती हैं और वो भी सिर्फ एक इन्सान के लिए, उनसे छुटकारा मिलेगा । बहुत हद तक दिल्ली के ट्रैफिक जाम से भी निजात मिलेगा, समाज के दो वगों की दूरियां भी कम होंगी, और साथ ही साथ जिनका सौ वर्ग मीटर से कम का मकान होगा वो भी कार चलाने का आनंद उठा सकेगा।
सुझाव तो अच्छा है पर अमल में लाना हमारी सरकार के वश की बात नहीं..
ReplyDeleteaapke vichar to umda hai par man bhi to le ....
ReplyDeleteअचानक याद आया की शायद किसी देश में ऐसा नियम है की वहाँ कोई भी कार खाली नहीं चल सकती, कार में जितनी सीट है उतने लोग का बैठना अनिवार्य है और ऐसा न करने पर जुर्माना भी है।aaj phir se ise padhi aur yah niyam sahi laga .
ReplyDeleteपाण्डेय जी,
ReplyDeleteहेल्लो!
मुझे लगता है के कार पूलिंग से ये समस्या एक बड़ी हद तक सुलझ सकती है! कोई नियम-कानून शायद इतना कारगर ना हो जितना लोगों का स्वयं से इस बारे में सजग होना.....
आशीष
आपके विचार अच्छे हैं।
ReplyDeleteagreed
ReplyDeleteकारे महंगी कर दी जाये, ओर जिन के घर पर पर्किंग की जगह नही उन्हे कार नही बेची जाये, इस के अलावा कोई ओर दुसरा तरीका नही
ReplyDeleteblog tak aane ka shukriyaa saty ji aapaka blog bahut hi alag hat ke hai aapake vicharon ki tarah aage bhi apane vicharon se avgat karaate rahe
ReplyDeletejaise jaise ham tthakathit vikas ke sopanon par chadhenge aise hi anek samsyaen aur bhi aayenge
ReplyDeletebharhaal aapka chintan achchha hai. sadhuvaad.